COVID-19 एक गंभीर संक्रामक रोग है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित कर चुका है। COVID-19 के लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और थकान शामिल हैं। हालांकि, COVID-19 के लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों को भी समझना महत्वपूर्ण है।
Contents of the table:
हृदय रोग | COVID-19 से बचे लोगों में जोखिम |
Acute myocarditis | 2.6 गुना बढ़ गया |
Deep Vein thrombosis | 2.5 गुना बढ़ गया |
कार्डियक अरेस्ट | 2.3 गुना बढ़ गया |
ध्यान देने वाले Main Point:
- एक नए अध्ययन से पता चला है कि COVID-19 से बचे लोगों में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- अध्ययन में पाया गया कि COVID-19 से बचे लोगों में तीव्र मायोकार्डिटिस, गहरी शिरा घनास्त्रता और कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ गया है।
- अध्ययन में शामिल अधिकांश लोग गंभीर COVID-19 के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं हुए थे।
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि COVID-19 से बचे लोगों में कई लंबे समय तक चलने वाले स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें थकान, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और मस्तिष्क को नुकसान शामिल हैं।
Case Study:
हाल ही में, दक्षिण कोरिया में शोधकर्ताओं ने COVID-19 से बचे लोगों में हृदय रोग के जोखिम का अध्ययन किया। अध्ययन में 132,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें 73,000 COVID-19 से बचे लोग थे।
शोधकर्ताओं ने पाया कि COVID-19 से बचे लोगों में तीव्र मायोकार्डिटिस, गहरी शिरा घनास्त्रता और कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ गया था। तीव्र मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशियों की सूजन है। गहरी शिरा घनास्त्रता रक्त के थक्के हैं जो पैरों की नसों में बनते हैं। कार्डिएक अरेस्ट अचानक हृदय की विफलता है।
अध्ययन में शामिल अधिकांश लोग गंभीर COVID-19 के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं हुए थे। यह सुझाव देता है कि हृदय रोग का खतरा COVID-19 के संक्रमण की गंभीरता से स्वतंत्र हो सकता है।
Conclusion:
यह अध्ययन बताता है कि COVID-19 से बचे लोगों में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इस खतरे को कम करने के लिए, COVID-19 से बचे लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और नियमित रूप से डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है।
Suggestion:
COVID-19 से बचे लोगों को हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
- स्वस्थ आहार खाएं
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- तनाव कम करें
- पर्याप्त नींद लें
- धूम्रपान न करें
- शराब का सेवन कम करें
- नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें